आई आई रे कन्हाई तेरी याद आई रे
तेरी बिरहा सताए
आँख भर आई रे
आई आई रे कन्हाई तेरी याद आई रे।।
दही मक्खन चुराये
बड़े दिन हो गए
प्यारी बांसुरी की तान
श्याम मोह गए
मेरे प्यारे घनश्याम
मेरे प्यारे घनश्याम
अब किसके हो गए
कौन कुब्जा है
फिर से भरमाय रे।।
मेरे मोहन साँवरिया
प्यारे मन मोहना
हाथ पकड़ा है कान्हा मेरा
अब ना छोड़ना
तेरे बिना रास रसिक
मेरा कोई ना
घटा प्रेम करन की
घिर आई रे।।
मैं तो तन मन वारी
तेरी हुई रसिया
मेरे जीवन आधार
श्री श्याम पिया
ऐसी सुधि बुधि खोई
तू है बाती मैं दिया
तेरी याद बिना
एक पल ना रह पाई रे।।
आई आई रे कन्हाई तेरी याद आई रे
तेरी बिरहा सताए
आँख भर आई रे
आई आई रे कन्हाई तेरी याद आई रे।।