अरे हट जा ताऊ पाछे ने,
म्हाने परिक्रमा लावण दे,
अरे हट जा ताऊ पाछें ने,
गिरिराज का दर्शन करवा दे।।
राधा कुंड में न्हा के आया,
श्रद्धा से मने शीश झुकाया,
आवण दे तू आगे ने,
दूध की धार चढ़ावन दे,
अरे हट जा ताऊ पाछें ने,
गिरिराज का दर्शन करवा दे।।
पूंछरी लौटा में हाजरी लाऊ,
दान घाटी के दर्शन पाऊं,
राधा रानी की भज कर के,
मानसी गंगा में स्नान कराऊ,
अरे हट जा ताऊ पाछें ने,
गिरिराज का दर्शन करवा दे।।
गिरिराज के धोक लगानी,
कृष्ण कुंड का निर्मल पानी,
उद्धव कुंड में जाके ने,
फेरी म्हाने लगावन्न दे,
अरे हट जा ताऊ पाछें ने,
गिरिराज का दर्शन करवा दे।।
कुसुम कुंड के कर के दर्शन,
कमल सिंह हो या मनवा पर्शन,
पेट पालनिया चलकर के,
म्हाने दर्शन पावन दे,
अरे हट जा ताऊ पाछें ने,
गिरिराज का दर्शन करवा दे।।
अरे हट जा ताऊ पाछे ने,
म्हाने परिक्रमा लावण दे,
अरे हट जा ताऊ पाछें ने,
गिरिराज का दर्शन करवा दे।।