अपना मुझे बना लो,
मेरा और ना सहारा,
चरणों से दूर रहकर,
कैसे करूँ गुज़ारा,
अपना मुझें बना लो,
मेरा और ना सहारा।।
दिल की किसे सुनाएँ,
ख़ुदग़र्ज़ यार सारे,
जिसको भी अपना समझा,
उसने ही ताने मारे,
सुन भी लो अब कन्हैया,
कोई नहीं हमारा,
अपना मुझें बना लो,
मेरा और ना सहारा।।
खुशियाँ थी जिनसे बाँटी,
ऐसा भी मोड़ आया,
ज़ख़्मों पे जख्म देकर,
दिल को बहुत रुलाया,
तेरे होते मैं कन्हैया,
फिरता हूँ बेसहारा,
अपना मुझें बना लो,
मेरा और ना सहारा।।
मेरी जिंदगी कन्हैया,
अब है तेरे भरोसे,
दुनिया मेरी तुम्ही हो,
तू ही तो पाले पोसे,
दीपक है आस तेरी,
तुझको ही है पुकारा,
अपना मुझें बना लो,
मेरा और ना सहारा।।
अपना मुझे बना लो,
मेरा और ना सहारा,
चरणों से दूर रहकर,
कैसे करूँ गुज़ारा,
अपना मुझें बना लो,
मेरा और ना सहारा।।